इमरान खान सरकार की 'सेंचुरी' का नहीं दिखा असर, 1 डॉलर हुआ 144 रुपए का
एक डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की विनिमय दर 144 रुपये प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई.
इमरान खान के नेतृत्व वाली नई सरकार ने हाल में सत्ता में 100 दिन पूरे किए हैं. (फोटो : जी न्यूज)
इमरान खान के नेतृत्व वाली नई सरकार ने हाल में सत्ता में 100 दिन पूरे किए हैं. (फोटो : जी न्यूज)
कर्ज में डूबे पाकिस्तान के लिए एक और बुरी खबर है. एक डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की विनिमय दर 144 रुपये प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई. यह खबर ऐसे समय आई जब इमरान खान के नेतृत्व वाली नई सरकार ने सत्ता में 100 दिन पूरे किए हैं.
इमरान सरकार के 100 दिन पूरे
इमरान खान की सरकार इन 100 दिन में देश में निवेश बढ़ाने और उसे विकास के रास्ते पर लाने की उपलब्धि गिना रही है लेकिन पाकिस्तानी रुपये के सेहत बिगड़ गई है. शुक्रवार को यह 10 रुपये और टूट गया. शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में यह 142 के स्तर पर खुला लेकिन दिन में और दो रुपये टूटकर 144 के स्तर तक गिर गया.
पाकिस्तान में निवेश बढ़ा : इमरान
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने 1 दिन पहले कहा था कि निवेशक देश में आ रहे हैं, विकास सही दिशा में है. लेकिन खान जो कह रहे हैं, वह मुद्रा बाजार में दिखाई नहीं दे रहा. जल संसाधन मंत्री फैजल वाडा ने कहा कि रुपये के अवमूल्यन में कालाबाजारी एक प्रमुख कारण है. उन्होंने कहा कि जब हम सरकार में आए तक डॉलर की ब्लैक मार्केटिंग अपने चरम पर थी और यह अभी भी चरम पर बनी हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से आगे आने वाले दिनों में रुपया मजबूत होगा.
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स्टेट बैंक ने कहा सुधर जाएंगे हालात
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने कहा कि बाजार में अफरा-तफरी का माहौल और डॉलर लिवाली का जोर है, लेकिन इसका समाधान कर लिया जाएगा. माना जा रहा है कि सरकार के अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से ऋण लेने पर चल रही बातचीत को देखते हुए यह गिरावट आई है.
आईएमएफ से मांगी मदद
विदेशी मुद्रा संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने हाल ही में मुद्रा कोष से राहत पैकेज की मांग की है. इस पर मुद्रा कोष ने पाकिस्तान से चीन से मिलने वाली वित्तीय सहायता की पूरी जानकारी मांगी है. इसके साथ ही अर्थव्यवस्था की मजबूती के वास्ते ईंधन के दाम बढ़ाने और कर दरों में बढ़ोतरी करने को कहा है. पाकिस्तान की एक्सचेंज कंपनियों के संघ के महासिचव जफर प्राचा ने कहा कि आईएमएफ के साथ कोई भी समझौता होने से पहले गिरावट जारी रहने की उम्मीद है.
अगस्त के बाद दूसरी बड़ी गिरावट
अगस्त में मौजूदा सरकार के सत्ता में आने के बाद से यह दूसरी बड़ी गिरावट है. 9 अक्टूबर को डॉलर के 11.70 रुपये मजबूत होने से मार्केट में चिंता बढ़ गई थी, लेकिन अंत में 134 रुपये पर बंद हुआ था. इससे पहले, जून और जुलाई में कार्यवाहक सरकार के दौरान रुपये में भारी गिरावट आई थी और 102 रुपये से गिरकर 130 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया था.
एजेंसी इनपुट के साथ
01:43 PM IST